100+ motivational suvichar in hindi सुविचार – प्रेरणादायक सुविचार suvichar in Hindi | good thought in Hindi | Hindi quotes | Hindi thought 2022 | Best Suvichar in Hindi Latest Suvichar in hindi
whatsapp good morning suvichar in hindi
motivational suvichar in hindi
१) कई घटनाओं का अंत इस बात पर निर्भर करता है कि यह कैसे शुरू हुआ।
२) जीवन में कर्तव्य भावना से अधिक महत्वपूर्ण है।
३) संसार को प्रेम से जीता जा सकता है; शत्रुतापूर्ण नहीं।
४) सबके मन में एक आदर्श व्यक्ति अवश्य होना चाहिए।
५) यदि आप सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो अपने आप पर थोड़ा संयम रखें।
६) सफलता की सबसे बड़ी ताकत -आत्मविश्वास।
७) जो अपने मन को जीत लेता है, वह संसार को जीत लेता है।
८) वही वास्तविक मनुष्य है जो विपरीत परिस्थितियों में भी उपकार करता है!
९) स्वयं की भूल को जानकर मनुष्य अनेक दुर्भाग्य से बच जाता है।
१०) अधिकार और कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
११) असफलता का अर्थ असफलता नहीं है।
१२) हर मामले में दूसरे की नकल न करें; अपनी अलग पहचान बनाएं।
१३) स्वतंत्रता का अर्थ है संयम; मनमानी नहीं।
१४) जीवन में सच्चा सुख भावनाओं की नमी में है।
१५) देर से निर्णय गैर-निर्णय की तरह है।
१६) हमेशा शक्ति का बुद्धिमानी से उपयोग करें। इसे क्रोध के रास्ते में बर्बाद न करें।
१७) सभी से प्रेम करो लेकिन केवल ईश्वर पर विश्वास रखो।
१८) पहले सोचो; फिर कार्रवाई करें।
१९) जीवन में माता पिता को कभी न भूलें,
२०) अपने लिए ही जियेंगे तो मरेंगे और अपने लिए जियेंगे तो औरों के लिए जियेंगे!
२१) जीवन के हर पल में सीखना सीखना है।
२२) अतिथि देवो भव।
२३) हर पल हमें कुछ न कुछ सिखाता है।
२४) दुःख को गले मत लगाओ; इसे भूल जाओ और हमेशा मुस्कुराते रहो।
२५) कभी भी ऐसा कार्य न करें जिससे दूसरों को ठेस पहुंचे।
२६) जो पल बीत गया वह कभी वापस नहीं लाया जा सकता।
२७) एक सच्चे छात्र की कभी छुट्टी नहीं होती। जटिलता से भरी छुट्टियां न तो मजेदार होती हैं और न ही आरामदायक।
२८) कल का काम आज करो और आज का काम अभी करो।
२९) स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है लेकिन हमारा पहला कर्तव्य है कि इसे मनमाना न बनने दें।
३०) छुट्टी कुछ नया सीखने का समय है।
३१) मनुष्य की चौथी मूलभूत आवश्यकता पुस्तक है।
३२) कल का भविष्य वर्तमान के बलिदान से बनता है।
३३) जो अच्छे पेड़ को सहारा देता है उसे अच्छी छाया मिलती है।
३४) ईश्वर की कृपा के बिना कोई भी कार्य सिद्ध नहीं होता है।
३५) दुनिया में सबसे बड़ा पाप हिंसा है; फिर चाहे वो मनुष्य हो या जानवर!
३६. मूर्ख लोग आपस में बातें करने लगे कि बुद्धिमान का चुप रहना ही बेहतर है।
३७. प्रयास का आनंद उपलब्धि से अधिक है।
३८. समझौता जीवन का दूसरा नाम है।
३९) भोर होने का एकमात्र रास्ता रात है।
४०) जो दूसरों को उनकी स्वतंत्रता से वंचित करते हैं उन्हें स्वतंत्र होने का कोई अधिकार नहीं है।
४१) जो गुरु की पूजा नहीं करता है; उसे आसमान की ऊंचाई नहीं मिलती।
४२) अभिमान का घर हमेशा नीचे रहता है।
४३) प्रार्थना ईश्वर के करीब आने की शक्ति है।
४४) मनुष्य का सबसे बड़ा गुण उसकी मानवता है
४५) क्रांति धीरे-धीरे होती है; एक पल में नहीं।
४६) जल्दी में चढ़ने की कोशिश करने वाले गिर जाते हैं।
४७) हमेशा गूंगे जानवरों से प्यार करो।
४८) जीवन के सफर में सफर जरूरी है।
४९. बाहरी सुंदरता की तुलना में आंतरिक सुंदरता अधिक मूल्यवान है।
५०) शिक्षार्थी को पढ़ाना नहीं पड़ता है; वह खुद से सीखता है।
५१) एक समय में एक ही काम करो और एकाग्रता से करो।
५२) कई मामलों में बाहरी दुश्मन की तुलना में आंतरिक दुश्मन अधिक भयभीत होता है।
५३) मन के द्वार हमेशा खुले रखें; ज्ञान का प्रकाश कब से आयेगा कहा नहीं जा सकता।
५४) हमेशा उन लोगों के आभारी रहें जो आपकी मदद करते हैं।
५५) जब आप किसी को दोषी पाते हैं, तो खुद को उनकी जगह पर रखने की कोशिश करें।
५६) परीक्षा अपने अंदर झांकने का अवसर है!
५७ तलवार से प्राप्त राज्य तब तक रहता है जब तक तलवार है।
५८) चिंता किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है।
५९) पढ़ना, ध्यान और लिखना सीखना है।
६०) आत्मसमर्पण किए बिना स्थिति पर काबू पाएं।
६१) सदाचार कभी बूढ़ा नहीं होता।
६२) भ्रम की स्थिति में हमेशा अपने कर्तव्य को प्राथमिकता दें।
६३) ईश्वर आपको उतना ही देगा जितना आप दूसरों को देंगे, वास्तव में कई गुना ज्यादा।
६४) जिसके पास इंसानियत है वही सच्चा इंसान है!
६५) अपने लाभ के लिए कभी भी दूसरे का उपयोग न करें; और किसी को अपना इस्तेमाल न करने दें।
६६) अनुभव के समान कोई दूसरा गुरु नहीं है।
६७) तुलना करें लेकिन उपेक्षा न करें।
६८) सत्य को शपथों के सहारे की आवश्यकता नहीं होती।
६९. जीवन में कभी भी क्रोध के दास न बनें।
७०) विपत्ति से बचना मनुष्य के हाथ में नहीं है, विपत्ति का सामना करना उसके हाथ में है।
७१. गुरु शिष्य होता है। जो शिष्य नहीं है वह गुरु नहीं है।
७२) आप कितने समय तक रहे, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि आप कैसे रहे।
७३) तपस्या के समान कोई अन्य दंड नहीं है।
७४) सभी निर्णय दिल से न लें; बुद्धि को कुछ निर्णय लेने दो।
७५) एक अंधेरी रात के बाद रवि उगता है।
७६) टिमटिमाते तारों को देखने के लिए हमें अँधेरे में रहना होगा।
suvichar in hindi status
७७) अच्छी कविता व्यक्ति को संवेदनशील बनाती है।.
७८) अतीत हमें यादों का आनंद देता है; भविष्य हमें सपनों का आनंद देता है लेकिन केवल वर्तमान ही हमें जीवन का आनंद देता है।
७९) शिक्षा का वास्तविक लक्ष्य एक अच्छा इंसान बनाना है।
८०) जीवन में सबसे ज्यादा ईश्वर पर भरोसा रखें।
८१) एक उल्टा पिरामिड कभी खड़ा नहीं हो सकता
८२) क्रोध पर विजय पाने का एक ही उपाय है – मौन !
८३) कभी-कभी अधिकार नहीं मांगे जाते; उन्हें इसे प्राप्त करना होगा।
८४) जिस विषय को आप जानते हैं उसके बारे में कम बोलें और जिस विषय को आप नहीं जानते उसके बारे में चुप रहें।
८५) संकट आपकी ताकत और दृढ़ता को देखने के लिए आ रहा है।
८६) सभी समस्याओं का समाधान नहीं होता है; कुछ अपने आप निकल जाते हैं।
८७) दुनिया के साथ ईमानदार होने से पहले अपने आप से ईमानदार रहें।
८८) एक बार टूट जाने के बाद पत्ते को फिर से पेड़ से नहीं जोड़ा जा सकता है।
८९) यदि आप काम में खुशी पैदा करते हैं, तो आपको उसका बोझ महसूस नहीं होगा।
९०) हमें उन अच्छी चीजों को नष्ट करने का कोई अधिकार नहीं है जिन्हें हमने नहीं बनाया है।
९१) ऐसा धन अर्जित करने का प्रयास करें जिसे कोई चुरा न सके।
९२) यदि आप उन चीजों में फंस जाते हैं जिनका आपसे कोई लेना-देना नहीं है, तो आप हार जाएंगे।
९३) जो हुआ उसके बारे में मत सोचो; सोचो क्या होने वाला है।
९४) याद रखें – जीवन में कुछ भी हमेशा के लिए हमारा नहीं है।
९५) कभी-कभी जिन लोगों से हम बहुत प्यार करते हैं वे हमसे बहुत दूर चले जाते हैं।
९६) जो आपका नहीं है उस पर कभी दावा न करें।
९७) अगले व्यक्ति के साथ इस उम्मीद के साथ व्यवहार न करें कि वह आपके साथ अच्छा व्यवहार करेगा।
९८) जीवन में आप जिन लोगों से मिलते हैं, वे सभी एक जैसे नहीं होते हैं।
९९) स्वयं के दोष ढूँढ़ना ही सद्गुणों की पूर्ति है!
१००) सृष्टि में सुख कल्पना से परे है।
१०१) जब हम पैदा होते हैं तो रोते हैं और लोग हंसते हैं। जब हम मरते हैं तो हमें इस तरह मरना चाहिए कि हम हंस रहे हैं और लोग रो रहे हैं!
१०२) प्रसन्न मन, स्वस्थ शरीर और आध्यात्मिक विश्वास प्राप्त करना अमृत प्राप्त करना है।
१०३) जीवन के प्रति हमारा दृष्टिकोण इस बात पर व्यक्त होता है कि हम एकांत में प्राप्त होने वाले क्षणों में क्या करते हैं।
१०४) जिसे आप बल से नहीं हरा सकत
आप उसे अपनी बुद्धि से अवश्य ही पराजित कर सकते हैं।
१०५) विद्यां ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम्।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम्॥
विद्या विनय देती है; विनय से पात्रता प्राप्त होती है, पात्रता से धन प्राप्त होता है, धन से धर्म की प्राप्ति होती है, और धर्म से सुख प्राप्त होता है।
१०६) जो बलिदान ईमानदारी से नहीं किया जाता है वह टिकता नहीं है।१) कई घटनाओं का अंत इस बात पर निर्भर करता है कि यह कैसे शुरू हुआ।